Sher-e-Khuda Hazrat Ali ke Nashihat in Hindi, Mola Ali Motivational Quotes in Hindi
Sher-e-Khuda Hazrat Ali ke Nashihat in Hindi, Mola Ali Motivational Quotes in Hindi
अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है।
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर सुलह करना सीखो, क्योंकि झुकता वही है जिसमें जान होती है और अकड़ना तो मुर्दे की पहचान होती है।
अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है।
अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है।
अपनों को हमेशा अपना होने का एहसास दिलाते रहो, वर्ना वक़्त उन्हें आपके बग़ैर जीना सिखा देगा।
चुगली करना उसका काम होता है जो अपने आप को बेहतर बनाने में असमर्थ होता है।
इंसान बुरा तभी बनता है, जब वह अपने आपको दूसरों से अच्छा समझने लगता है।
झूठ की सबसे बड़ी सज़ा ये है कि उसके सच का भी कोई एतबार नहीं करता।
मुश्किलों की वजह से चिंता में मत डूबा करो, क्योंकि बहुत अंधियारी रातों में ही सितारे ज्यादा तेज़ चमकते हैं।
अगर कोई तुमको सिर्फ अपनी ज़रूरत के वक़्त याद करता हो, तो नाराज़ मत होना। बल्कि इस बात का फ़ख्र करना कि उसको अँधेरे में रौशनी की ज़रूरत है, और वह रौशनी तुम हो।
नेक लोगों की सोहबत (संगत) से हमेशा भलाई ही मिलती है, क्योंकि हवा जब फूलों से गुज़रती है तो वो भी खुश्बुदार हो जाती है।
अपनी किस्मत पे वही सख्श रोता है, जो अल्लाह के सामने सज़्दों में नहीं रोता है।
हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हें खुश रखे, लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो, जो तुम्हारे बगैर खुश ना रह पाए।
ये दुनिया कितनी अजीब है, ईमानदार को बेवकूफ, बेईमान को अक़लमंद और बेहया को खूबसूरत कहती है।
खूबसूरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती, बल्कि जिस इंसान से मोहब्बत होती है, वो खूबसूरत लगने लगता है।
दौलत मिलने पर लोग बदलते नहीं हैं, बल्कि वे बेनक़ाब हो जाते हैं।
ज़िन्दगी में सिर्फ दो तरह के दिन आते हैं, एक जिसमें आप जीतते हैं, और दूसरा वो दिन जब आप नाकामयाब होते हैं। तो जब तुम्हारी जीत हो, तो घमंड मत करो और जब चीज़ें तुम्हारे खिलाफ जाएँ तो सब्र करो। दोनों ही दिन तुम्हारे लिए इम्तेहान हैं।
मुश्किलतरीन काम बहतरीन लोगों के हिस्से में आते हैं. क्योंकि वो उसे हल करने की सलाहियत रखते हैं
जहा तक हो सके लालच से बचो लालच में जिल्लत ही जिल्लत है
जो तुम्हारी खामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सके उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ़ लफ्ज़ों को बरबाद करना है
जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो वो हमेशा फ़कीर रहेगा और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा
हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हे खुश रखे लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो जो तुम्हारे बगैर खुश ना रह पाए
खुबसुरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिस इंसान से मोहब्बत होती है वो खुबसुरत लगने लगता है
दौलत को क़दमों की ख़ाक बनाकर रखो क्यूकि जब ख़ाक सर पर लगती है तो वो कब्र कहलाती है।
झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ।
जब तुम्हरी मुख़ालफ़त हद से बढ़ने लगे, तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हें कोई मुक़ाम देने वाला है
इन्सान अपनी ज़िन्दगी में हर चीज़ के पीछे भागेगा, मगर दो चीज़ें उसके पीछे भागेंगी एक उसका रिज्क़ और दूसरी उसकी मौत।
जब तुम्हरी मुख़ालफ़त हद से बढ़ने लगे, तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हें कोई मुक़ाम देने वाला है।
इल्म की वजह से दोस्तों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) होता है, लेकिन दौलत की वजह से दुशमनों में इज़ाफ़ा होता है।
तुम्हारा अच्छा वक़्त दुनिया को बताता है कि तुम कौन हो और तुम्हारा बुरा वक़्त तुम्हें बताता है कि ये दुनिया क्या है।
अगर दुनिया बेहतरीन जगह होती, तो यहाँ कोई रोता हुआ पैदा न होता।
किसी का ऐब (बुराई) तलाश करने वाले मिसाल उस मक्खी के जैसी है जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड सिर्फ़ ज़ख्म पर बैठती है।
कभी अपने दोस्त की सच्चाई का इम्तिहान न लो, क्या पता उस वक़्त वो मजबूर हो और तुम एक अच्छा दोस्त खो दो।
कभी भी अपनी जिस्मानी ताकत और दौलत पर घमंड न करना क्यूंकि बीमारी और ग़रीबी आने में देर नही लगती।
अपने हमसफ़र से अपने जैसा होने की उम्मीद मत करो, क्योंकि तुम किसी का सीधा हाथ अपने सीधे हाथ में पकड़कर उसके साथ नहीं चल सकते।
कोई गुनाह लज्जत (शौक) के लिए मत करना, क्योंकि लज्जत खत्म हो जाएगी, पर गुनाह बाकी रहेगा और कोई नेकी तकलीफ की वजह से मत छोड़ना क्योंकि तकलीफ खत्म हो जायेगी पर नेकी बाकी रहेगी।
इल्म की वजह से दोस्तों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) होती है और दौलत की वजह से दुशमनों में इज़ाफ़ा होता है ।
अगर किसी के बारे मे जानना चाहते हो तो पता करो के वह शख्स किसके साथ उठता बैठता है
राज्य का खजाना और सुविधाएं मेरे और मेरे परिवार के उपभोग के लिए नहीं हैं, मै बस इनका रखवाला हूँ
किसी का ऐब (बुराई) तलाश करने वाले की मिसाल उस मक्खी के जैसी है जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड सिर्फ़ ज़ख्म पर बैठती है
पूर्ण विश्वास के साथ सोना संदेह की स्थिति में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है
जिसको तुमसे सच्ची मोहब्बत होगी, वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा
जब मेरा जी चाहता है के मैं अपने रब से बात करूँ तो मैं नमाज़ पढ़ता हूँ.
किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हो क्योंकि तुम्हे उसके हर इक आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा
कभी तुम दुसरों के लिए दिल से दुवा मांग कर देखो तुम्हें अपने लिए मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी
अगर दुनिया फ़तेह करना चाहते हो, तो अपनी आवाज़ मे नरम लहजा पैदा करो, इसका असर तलवार से ज़्यादा होता है।
इन्सान का नुक़सान माल और जान के चले जान से नहीं होता है, बल्कि इंसान का सबसे बड़ा नुकसान किसी की नजर में गिर जाने से होता है।
अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है, तो तुम दुनिया के सबसे ताक़तवर इंसान हो।
लोगों को उसी तरह माफ़ करो, जैसे तुम खुदा से उम्मीद रखते हो कि वह तुम्हें माफ करेगा।
जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा, वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा।
इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे।
कभी किसी के सामने अपनी सफाई पेश मत करो, क्योंकि जिसे तुम पर यकीन है उसे सफाई की जरुरत नहीं और जिसे तुम पर यकीन नहीं, वो किसी भी सफाई को नहीं मानेगा।
प्यास नहीं होती तो पानी की कोई कीमत नहीं होती, मौत नहीं होती तो ज़िन्दगी की कोई कीमत नहीं होती और विश्वास ना हो तो दोस्ती की कोई कीमत नहीं होती।
जब अल्लाह किसी से नाराज़ होता है तो उसे ऐसी चीज़ की तलब में लगा देता है जो उसकी किस्मत में नहीं होती।
बात तमीज़ से और एतराज़ दलील (तर्क) से करो क्योंकि ज़बान तो हैवानो में भी होती है, मगर वह इल्म और सलीके से महरूम होते हैं।
अगर दुनिया में सुकून होता तो अल्लाह को कौन याद करता, सुकून तो सिर्फ उन लोगों के पास है जो लोग अल्लाह की रज़ा को अपनी रज़ा समझते हैं।
अपनी सोच को पानी के कतरों से भी ज्यादा साफ रखो क्योंकि जिस तरह कतरों से दरिया बनता है उसी तरह सोच से ईमान बनता है।
मैं खुदा से अक़्ल नहीं तक़दीर चाहता हूं, क्यूंकि मैंने बहुत से अक़्लमन्दोें को तक़दीर वालों की गुलामी करते देखा है।
किसी की आंख तुम्हारी वजह से नम न हो, क्योंकि तुम्हें उसके हर आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा। किसी की बेबसी पे मत हंसो क्योंकि ये वक़्त तुम पर भी आ सकता है।
झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है कि सच बोलकर हार जाए।
दोस्तों के ग़म में शामिल हुआ करो, लेकिन खुशियों में तब तक न जाना, जब तक वो खुद ना बुलाए।
जब तुम्हारी जान पर ख़तरा हो तो सदक़ा (दान) देकर जान बचाओ, और जब तुम्हारे ईमान को ख़तरा हो तो अपनी जान देकर ईमान बचाओ।
कभी तुम दूसरों के लिए दिल से दुवा मांग कर देखो, तुम्हें अपने लिए मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
जो इनसान सजदो मे रोता है। उसे तक़दीर पर रोना नहीं पड़ता
गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो
रिज्क के पीछे अपना इमान कभी खराब मत करो क्योंकि नसीब का रीज़क इन्सान को ऐसे तलाश करता है जैसे मरने वाले को मौत
इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे
इंसान की ज़ुबान उसकी अक्ल का पता देती है और आदमी अपनी ज़ुबान के नीचे छुपा होता है !
दोस्तों के ग़म में शामिल हुवा करो हर हाल में लेकिन खुशियों में तब तक न जाना जब तक वो खुद ना बुलाये
इख़्तियार ,ताक़त और दौलत ऐसी चीजें हैं जिनके मिलने से लोग बदलते नहीं नक़ाब” होते हैं
अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है तो तुम दुनिया के सबसे ताक़तवर इंसान हो…
इंसान मायूस और परेशान इसलिए होता है, क्योंकि वो अपने रब को राज़ी करने के बजाये लोगों को राज़ी करने में लगा रहता है
कभी भी अपनी जिस्मानी ताकत और दौलत पर भरोसा न करना क्युँकि बीमारी और ग़रीबी आने में देर नही लगती
ज़िल्लत उठाने से बेहतर है तकलीफ उठाओ
तुम्हारे नफ्स की कीमत जन्नत है, इसे जन्नत से कम कीमत पे ना बेचना
हमेशा समझोता करना सीखो क्यूंकि थोडा सा झुक जाना किसी रिश्ते का हमेशा के लिए टूट जाने से बेहतर है
जो लोग सिर्फ तुम्हे काम के वक़्त याद करते हे उन लोगो के काम ज़रूर आओ क्यों के वो अंधेरो में रौशनी ढूँढ़ते हे और वो रौशनी तुम हो
दुनिया अमल की जगह है, मौत के बाद हम को और तुम्हे पता चलेगा
हमेशा ज़लिमो का दुश्मन और मज़लूमो का मददगार बन कर रहना
कोई गुनाह लज्जत के लिए मत करना क्यो की लज्जत खत्म गुनाह बाकी रहेगा और कोई नेकी तकलीफ की वजह से मत छोड ना क्यो की तखलीफ खत्म हो जायेगी पर नेकी बाकी रहेगी
जब नेमतों पर शुक्र अदा किया जाए तो वह कभी ख़त्म नही होती
जाहिल के सामने अक़्ल की बात मत करो पहले वो बहस करेगा फिर अपनी हार देखकर दुश्मन हो जायेगा
एक ज़माना ऐसा भी आएगा कि लोग अपने रब को भुल जाएंगे,लिबास बहुत क़ीमती पहन कर बज़ार में अकड़ कर चलेंगे और इस बात से बेखबर होंगे के उसी बाज़ार में उन का कफन मौजूद है
अपने दुश्मन को हज़ार मौक़े दो कि वह तुम्हारा दोस्त बन जाए, लेकिन अपने दोस्त को एक भी मौक़ा मत दो कि वह तुम्हारा दुश्मन बन जाए।
कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है और कम सोना इबादत है।
किसी से मोहब्बत करने से पहले अपने दिल में कब्रस्तान बना लो, ताकि उसकी छोटी-छोटी गलतियों को दफ़न कर सको।
अगर कोई शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए रोटी चोरी करे तो चोर के हाथ काटने के बजाए बादशाह के हाथ काटे जाएं।
सम्मान पूर्वक साफगोई से मना कर देना एक बड़े और झूठे वादे से बेहतर होता है।
अगर तुम किसी को छोटा देख रहे हो, तो या तो तुम उसे बहुत दूर से देख रहे हो, या फिर से गुरुर से देख रहे हो।
इन्सान भी कितना अजीब है कि जब वह किसी चीज़ से डरता है, तो वह उससे दूर भागता है लेकिन अगर वह अल्लाह से डरता है, तो उसके और करीब हो जाता है।
जो तुम्हारी खामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सके, उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ़ लफ्ज़ों को बरबाद करना है।
अगर कोई शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए रोटी चोरी करे तो चोर के हाथ काटने के बजाए बादशाह के हाँथ काटे जाए।
तुम जो एक गाली मज़ाक और गुस्से में देते हो उससे तुम्हारी कब्र में एक बिच्छू बनता है
जब गुनाह के बावजूद अल्लाह की नेअमते मुसलसल तुम्हें मिलती रहे तो तुम होशियार हो जाना के तुम्हारा हिसाब करिब और सख्त तरिन है
किसी ने हजरत अली रज़ी. से पूछा के जिनकी माँ नही होती उनके बच्चों को दुआ कौन देता है? आप ने फरमाया के कोई झील अगर सुख भी जाए तो मिट्टी से नमी नही जाती इसी तरह माँ के इन्तेकाल के बाद भी अपनी औलाद को दुआ देती रहती है.
अपने जिस्म को ज़रूरत से ज़्यादा न सवारों,क्योंकि इसे तो मिट्टी में मिल जाना है,सवॉरना है तो अपनी रूह को सवॉरों क्योंकि इसे तुम्हारे रब के पास जाना है
नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती हे क्यों के..हवा जब फूलो से गुज़रती हे तो वो भी खुश्बुदार हो जाती हे
नमाज़ की फ़िक्र अपने ऊपर फ़र्ज़ करलो खुदा की कसम दुनिया की फ़िक्र से आज़ाद हो जाओगे,और क़ामयाबी तुम्हारे क़दम चूमेंगी
किसी ने हजरत अली से पुछा. दोस्त और भाई में क्या फर्क है.? हजरत अली ने फरमाया “भाई सोना है और दोस्त हीरा है” उस आदमी ने कहा “आप ने भाई को कम कीमत और दोस्त को ज्यादा कीमती चीज़ से क्यू तशबीह दी “? तो हजरत अली ने फरमाया “सोने में दरार आ जाये तो उस को पिघला कर बिलकुल पहले जैसा बनाया जा सकता है. जब की हीरे में एक दरार भी आ जाये तो वोकभी भी पहले जैसा नही बन सकता.
अख्लाक़ एक दुकान है और ज़बान उसका ताला है , ताला खुलता है तो मालुम होता हे के दुकान सोने की है या कौयले की
जिस इंसान मे वफादारी नही उससे दोस्ती का मतलब हे खुद को ज़लील करना
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