कभी तो निकलो खुले आसमान के लिए
बंद महलों में घुटन है, ताजा हवा नहीं मिलती।
समय का पहिया जब चलता है सब रौंद जाता है
कुछ सबूत बचे तो हिसाब कर लेना
हर किसी से खुला कर मिलना मुमकिन नहीं
इस लिए खुद को खुली किताब कर लेना।
“ज़िंदगी” की “तपिश” को “सहन” किजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं।
सामने हो मंजिल तो रास्ते न मोड़ना जो भी मन में हो…
वो सपना न तोड़ना कदम कदम पे मिलेगी मुश्किलें…
आपको बस सितारे चुनने के लिए कभी जमीन मत छोड़ना…
काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाए,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए,
यहां जिंदगी तो हर कोई काट लेता है,
जिंदगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाए।
कौन कहता है दोस्ती बिगाड़ देती हैं
निभाने वाले दोस्त मिल जाए
तो दुनिया याद करती है।
झूठी बातों पे जो वाह वाह करेंगे
वही लोग आपको तबाह करेंग
रात नहीं ख्वाब बदलता है,
मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;
जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,
किस्मत बदले न बदले ,
पर वक्त जरुर बदलता है
पसीने की स्याही से जो लिखते है अपने इरादों को
उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते
जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा
बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती
जो जल रहा है तिल-तिल उसी दीए में उजाला होगा
मेहनत करने पर मिलेगा फल
आज नहीं तो मिलेगा कल
है हिम्मत तो निकल और चल
तोड़दो साहस से चुनौतियों के दल दल
मेहनत के दिए जलाये जा
सफलता के परचम लहराए जा
दुःख सुख तो आते रहेंगे जीवन में
तू जीवन को आगे बढ़ाए जा
संघर्ष में आदमी अकेला होता है
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है
जिस-जिस पर ये जग हँसा है
उसीने इतिहास रचा है
जल को बर्फ में बदलने में वक़्त लगता है
सूरज को निकलने में वक़्त लगता है
किस्मत को तो हम बदल नहीं सकते
लेकिन अपने हौसलों से किस्मत बदलने में वक़्त लगता है।
थाम ले बिजली बादल की और थाम ले ये तूफान
मेहनत की तू शक्ति से पूरे कर अपने अरमान
चलता रहूंगा पथ पर हार न मानूँगा
एक दिन मंजिल मिलेगी मुझको
या मुसाफिर बन जाऊंगा