अवैध संबंध का घिनौना सच सच्ची कहानियाँ जो आत्महत्या पर खत्म हुईं

क्या आपने कभी सोचा है कि भरोसे की नींव पर टिका कोई रिश्ता एक शक की चिंगारी से कैसे जलकर राख हो सकता है? अवैध संबंध… यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक ऐसी आग है जो बसे-बसाए घरों को उजाड़ रही है, रिश्तों का गला घोंट रही है और लोगों को मौत के अंधे कुएं में धकेल रही है।
आज हम बात कर रहे हैं उस कड़वे सच की, जहाँ रिश्तों के मकड़जाल में उलझकर लोग अपनी ही जिंदगी खत्म कर रहे हैं। बिहार के भागलपुर से सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं, जहाँ पिछले दो सालों में हुई आत्महत्याओं के पीछे की वजह यही नाजायज रिश्ते या उनका जानलेवा शक है।
आइए, इस घिनौने सच की परतों को खोलते हैं और उन दिल दहला देने वाली कहानियों को जानते हैं, जहाँ चंद पलों की गलती या एक मामूली शक ने हंसते-खेलते परिवारों को हमेशा के लिए मातम में डुबो दिया।
क्या अवैध संबंध वाकई बन रहे हैं आत्महत्या की वजह?
आंकड़े झूठ नहीं बोलते। भागलपुर में 2024 से 2025 के बीच आत्महत्या की 63 घटनाओं में से 28 मामले सीधे तौर पर अवैध संबंध या उसके शक से जुड़े थे। यह एक खतरनाक ट्रेंड है जो समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है।
रिश्तों में दरार की ये कहानियाँ सिर्फ पति-पत्नी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ससुर-बहू और देवर-भाभी जैसे पवित्र माने जाने वाले रिश्तों पर भी कालिख पोत रही हैं। शक का एक छोटा सा बीज जब मन में पनपता है, तो वह इतना जहरीला पेड़ बन जाता है कि इंसान सही और गलत का फर्क ही भूल जाता है।
दिल दहला देने वाली सच्ची घटना
ये सिर्फ खबरें नहीं, बल्कि उन परिवारों की दर्दनाक दास्ताँ हैं जिन्होंने इस आग में अपनों को खो दिया।
केस स्टडी 1: जब शक ने उजाड़ दिया पूरा पुलिस परिवार
12 अगस्त 2024 की वो काली रात कोई नहीं भूल सकता। एक पुलिसकर्मी, पंकज कुमार, ने अपनी पत्नी, महिला सिपाही नीतू कुमारी, दो मासूम बच्चों और यहाँ तक कि अपनी सास की भी हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
इस पूरे हत्याकांड की जड़ में था अवैध संबंध का शक। पंकज को शक था कि उसकी पत्नी नीतू का पुलिस विभाग के ही एक सहकर्मी से नाजायज रिश्ता है। एक सुसाइड नोट ने इस खौफनाक सच का पर्दाफाश किया और उस दूसरे सिपाही को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
केस स्टडी 2: ब्लैकमेलिंग और नाजायज रिश्ते का खौफनाक अंत

9 अक्टूबर 2024 को एक और जिंदगी खत्म हो गई। राजधानी में तैनात एक सिपाही की पत्नी सोनी कुमारी ने इसलिए फांसी लगा ली क्योंकि वह एक नाजायज रिश्ते में फंस चुकी थी।
एक मार्केटिंग एजेंट के साथ बने उसके अवैध संबंध का फायदा उठाकर वह एजेंट उसे ब्लैकमेल करने लगा था। जब उसने यह बात पति को बताने की धमकी दी, तो लोक-लाज के डर से सोनी ने मौत को गले लगा लिया।
केस स्टडी 3: पति और भाभी के रिश्ते के शक में पत्नी ने दी जान
5 अगस्त 2025 को नवगछिया की एक महिला ने सिर्फ इसलिए अपनी जान दे दी क्योंकि उसे अपने पति और अपनी ही भाभी के बीच अवैध संबंध होने का गहरा शक था। शक का यह कीड़ा उसके दिमाग को इस कदर खा गया कि उसने अपनी जिंदगी को खत्म करना ही बेहतर समझा।
मनोवैज्ञानिक क्या कहते हैं?
मनोविज्ञानी डॉ. राजेश कुमार तिवारी के अनुसार, ऐसे मामलों में तुरंत किसी नतीजे पर पहुंचना सबसे बड़ी गलती है। उनका कहना है:
- संयम बरतें: शक होने पर आपा खोने के बजाय शांति और संयम से काम लेना चाहिए।
- बातचीत करें: किसी भी समस्या का हल बातचीत से निकल सकता है। अपने साथी से खुलकर बात करें।
- परिवार से मदद लें: अगर मामला गंभीर है, तो इसे पारिवारिक मंच पर रखकर सुलझाने की कोशिश करें।
जिंदगी खत्म कर लेना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
(आंतरिक लिंक के लिए उदाहरण: हमारे दूसरे लेख रिश्तों में भरोसे को कैसे मजबूत करें को भी पढ़ें।)
कैसे बचें इस जानलेवा दलदल से?
अगर आप या आपका कोई जानने वाला ऐसी किसी परिस्थिति से गुजर रहा है, तो ये कदम उठाए जा सकते हैं:
- संवाद की दीवार न तोड़ें: किसी भी शक को मन में रखने के बजाय अपने पार्टनर से शांति से बात करें।
- भरोसे को मौका दें: हर रिश्ते की नींव भरोसा है। इसे कमजोर न पड़ने दें।
- प्रोफेशनल मदद लें: अगर हालात काबू से बाहर हो रहे हैं, तो मैरिज काउंसलर या मनोवैज्ञानिक की मदद लेने में संकोच न करें।
(बाहरी लिंक के लिए उदाहरण: अधिक जानकारी और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए आप भारत सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर जा सकते हैं।)
अंत में, जिंदगी बहुत कीमती है। इसे किसी के लिए या किसी शक के लिए खत्म न करें। रिश्ते गलतियों से, शक से और चुनौतियों से गुजरते हैं, लेकिन उन्हें संभालने का तरीका हमारे हाथ में होता है। आत्महत्या एक कायरतापूर्ण कदम है, जो पीछे रह गए लोगों के लिए कभी न खत्म होने वाला दर्द छोड़ जाता है।





